रविवार, 18 अप्रैल 2021

मेरा भविष्य क्या है?

"श्रीरमण महर्षि से बातचीत"

पुस्तक में एक प्रसंग का वर्णन है :

एक व्यक्ति ने, जो हठयोग का साधक था श्री रमण महर्षि के पास अपना प्रश्न कागज के टुकड़े पर लिखकर भेजा ।

वह व्यक्ति अनेक वर्षों से अपना एक हाथ उठाए हुए था, जिससे उसकी मांस पेशियाँ आदि सख्त हो गईं थीं। 

उसने पूछा : 

"मेरा भविष्य क्या है?"

महर्षि ने उत्तर दिया :

"वही जो तुम्हारा वर्तमान है।"

इस उत्तर से उसे संतोष नहीं हुआ ।

उसने महर्षि के एक आश्रमवासी भक्त से इसका अभिप्राय पूछा। तब उस भक्त ने कहा :

तुम नित्य, शुद्ध,  बुद्ध चैतन्यमात्र हो। 

यही तुम्हारा वर्तमान है, और यही तुम्हारा भविष्य भी है।

उस व्यक्ति ने महर्षि को धन्यवाद दिया और उनसे विदा ली। 

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